लेकिन फेर भी उसके मुंह से सुनना चाहती थी।भौरी — और कोन सा काम मालिक ?ज़मीदार — वही जो तूने बोला था के यदि दिए समय में आपका क़र्ज़ न चुकता कर पाऊँ तो जो मर्ज़ी दण्ड लगा लेना।भौरी — हाँ बोला था, लेकिन सज़ा तो उस हवेली में भी दे सकते थे न, फेर इतनी दूर बुलाने की जरूरत क्या थी।ज़मीदार — वहां सब है तेरी मालकिन, छोटे ज़मीदार, घर के नौकर चाकर, सो उनके सामने तुझको सज़ा देना मुझे शोभा नही देता था। इस लिए यहां अकेले में तुझको बुलाया है। यहां तुझे जी भर के सज़ा दूंगा ।इस बार उसकी बोली में दोहरापन था।भौरी — चलो ठीक है, बताओ क्या सज़ा है मेरी ??ज़मीदार — किस तरह की सज़ा चाहते हो बोलो ?भौरी — बोलना क्या है, मालिक जो सज़ा है बोलदो, मेरा ज़ुर्म जिस सज़ा के काबिल है, उसी तरह की सज़ा दे दो।ज़मीदार — तुमने वादा खिलाफी तो की है तो इसकी सज़ा ये है के तुम मेरे पूरे बदन की तेल लगाकर मालिश करोगे और जब तक मैं न चाहू घर नही जाओगी।भौरी — हैँ…ये कैसी सज़ा है। मैंने तो सोचा था के पूरा दिन काम काज पे लगाए रखोगे या पूरा दिन धूप पे खड़ा करके रखोगे। लेकिन फेर भी वादे के मुताबक मुझे आपकी ये सज़ा भी मंज़ूर है।ज़मीदार — तू बहुत नाज़ुक सी
बस कंडक्टर की गर्म बेटी ने चुदाई की मस्त कहानी
Actors:
Age / Girlnexthot1
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