मुझे और सेक्स एजुकेशन लेनी है, कल आप और टेप ले आना!!” मैं अपने सौतेले बाप से बोल दिया.मेरा चुदाई फिल्मो में इंटरेस्ट देखकर मन ही मन वो मुस्कुराने लगे। सायद वो कोई कुटिल प्लान अपने दिमाग में बना रहे थे। इस तरह पापा रोज नई नई चुदाई वाली फिल्मे मेरे लिए लाने लगे। कभी जापानी चुदाई की फिल्मे, कभी चाईनीस चुदाई की फिल्मे , कभी कोई..कभी कोई।दोस्तों २ महीने बाद मुझे ब्लू फिल्म देखने का भयानक चस्का लग गया था, जैसे किसी गंजेड़ी को गांजा पीने के बुरा चस्का लग गया था। एक दिन सुबह सुबह जब मेरी माँ अपनी नौकरी पर गयी थी मैंने पापा से फिर कहा की मेरे लिए चुदाई फिल्म लेकर आये। मेरे पापा गये और मार्किट से खाली हाथ लौट आये।“ये क्या पापा…आप खाली हाथ क्यों लौट आये, अब मेरा वक़्त कैसे बीतेगा???” मैं बहुत बेचैन महसूस कर रही थी। जैसे किसी अफीमची को अगर अफीम सूंघने को ना मिले तो वो बड़ा बेचैन हो जाता है, मेरी हालत बिलकुल ऐसी ही थी।“बेटी..वो दूकान बंद थी। पता नही खुलेगी!!” पापा बोले.“नही पापा…आप फिर से मार्केट जाइये और मेरे लिए वो सेक्स एजुकेशन वाला टेप लेकर आईये!!” मैंने झल्लाते हुए कहा। मेरा सौतेला बाप जा जाने क्यों हल्का हल्का मुस्कुरा रहा था। उसका पूरा प्लान मुझे रगड़कर चोदने और खाने का था। अपनी हवस को पूरी करने















