मेरी बहन की बिदाई हो गयी थी, और अपने बहन को लाने के लिए उनके ससुराल गया. आप ये कहानी हमारी वासना डॉट नेट पे पढ़ रहे है.हमलोग में रिवाज है की ७ दिन के अंदर ही वापस मायका आना होता है, मैं अपने दीदी शिवांगी को लाने के लिए गया, वह का ठाठ बाट देखकर मैं दंग रह गया, क्या राजपुताना ठाठ बाट था, मेरे जिज की दोनों पत्नी भी गजब की सुन्दर एक दम राजकुमारी लग रही थी.मुझे लगा की जब पहली पत्नी इतनी सजी धजी और इज्जत से रह रही है तब तो मेरी बहन रानी बन कर रहेगी. BF XXX आप ये कहानी हमारी वासना डॉट नेट पे पढ़ रहे है.दीदी का होठ भी किसी गुलाब की पंखुड़ी से कम नहीं था मैंने चूसना शुरू किया ऐसा लग रहा था जैसा की मधु को चूस रहा था, उनकी गोल गोल चूचियाँ और उनपर छोटा छोटा निप्पल गजब ढा रही थी, मैंने उनके बाल खोल दिए उनका बाल कमर तक लता हुआ था. उसके बाद दूसरे दिन दीदी को लेके अपने घर वापस आ गया, माँ और पापा मन्नत मांगे थे की अगर मेरी बेटी की शादी अच्छे तरह से हो जायेगा तो हरिद्वार जायेंगे, उसी दिन दोनों हरिद्वार के लिए रवाना हो गए, घर में मैं और दीदी दोनों दिन रात चुदाई ही चुदाई, आज तीन महीने हो गए है,


