दो दिन बाद अशोक ने मुझे माधुरी को हमारे साथ आने का कह दिया. XXXBF मैंने माधुरी से सखा गे चुम्बनों का तरीका अशोक के साथ अपनाया. माधुरी के नाजुक होंठ मेरे ऊपर असर करने लगे.माधुरी बोली “ऐसे ही शुरुवात होती है भाभी. इन फोटो को देखने के बाद तो मैं तकिया दबाकर और अपनी टांगों को आपस में रगड़कर सोती हूँ.”मैं कुछ ना बोली. तो फिर आपको इसमें आपत्ति क्यूँ हो. मैंने अशोक के लिंग को अपने हाथ से पकड़ा और अपने अन्दर डाल दिया. हमरी जिंदगी जैसे बीस साल पीछे चली गई थी. एक लम्बे अरसे के बाद आज हम दोनों को इतना नशा आया था. अशोक ने माधुरी को अपने से लिपटा लिया और उसी सोफे पर आकर बैठ गए दोनों लिपटे हुए. फिर अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे जननांग के अन्दर कोई झरना फूट रहा हो. मेरी और माधुरी की दोस्ती हो गई. कभी माधुरी के कहने पर कई बार हम दोनों बहुत ही कम कपड़ों में एक साथ बिस्तर में लेट जाती और सेक्सी बातें करती.दोपहर से कब शाम हो जाती पता ही नहीं चलता था. थोड़ी देर में अशोक ने माधुरी को आजाद कर दिया. एक पन्ने पर कोई लेख था. बाद में माधुरी ने मुझे कसकर बाहों में लिया और बोली “मेरे लिए आपने जो सोचा है वैसा शायद आज तक दुनिया में किसी ने















