आज ही तू अपना सामान बाँध दे। तू गाँव वापिस जा रहा है!!” मैं नकली गुस्सा करके बोली.“चाची!! तू विजयनगर पढने आया है की ये सब गंदी हरकते करने आया है??” मैंने चीखते हुए कहा.मुझे देखकर वो डर के मारे पीला पड़ गया और जब तक वो खुद को सम्भाल पाता उसके लंड ने अपनी पिचकारी छोड़ दी और मेरे सामने ही उसने लैपटॉप के उपर ही अपना माल झाड दिया। मैं उसे आँखे दिखाते हुए बाहर चली गयी और कुछ देर बाद विशेष मेरे पास भीगी बिल्ली बन कर आ गया।“विशेष!! XXX BF मेरी चूत में ही एक साथ ऊँगली करो!!” मैंने कहा.अब विशेष ने दूसरी ऊँगली चूत में घुसा दी और अब तो मैं डबल डबल मजा लेने लगी। इस तरह वो दो दो छेदों में 2 2 ऊँगली चलाने लगा तो मैं तडप गयी और दोनों छेदों में अजीब सी हलचल होने लगी। मैं धैर्य करके कुतिया बनी रही। मेरा भतीजा मेरे साफ और सेक्सी गद्देदार कुल्हे हो बार बार दुसरे हाथ से सहला सहलाकर किस कर रहा था।इस तरह मुझे जवानी का भरपूर सुख और संतुस्टी दे रहा था। अब विशेष और भी भीसन तरीके से दोनों छेदों में जल्दी जल्दी उगली चलाने लगा जिससे मेरा बदन मरोड़ खाने लगा। बड़ा आनन्द लिया और अब लगा की झड़ जाउंगी। “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”मैं बार बार किये जा
नवविवाहित भारतीय नवेली
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