ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.वो खुश होकर बोला ठीक है मैं अपने घर का पता बता कर वापस आ गईं वो शाम को करीब 6 बजे घर आया मेने उसे चाय पिलाई रात हुई तो पेट भर कर खाना खिलाया फिर हम कुछ देर बातों करने लगे बातों करते वक्त उसका ध्यान मेरे बूब्स पर था जो नाइटी से बाहर आ रहे थे.तो मैंने कहा चलो अंदर बेडरूम में तो वो बोला ठीक है हम दोनों बेडरूम में आ गए बेडरूम का दरवाजा बंद करते ही वो मुझसे लिपट गया और मेरे होंठो को चूमने लगा मैंने कहा बाबा सबर करो मै भागी थोड़ा जा रही हूं तो वो बोला मुझसे सबर नहीं हो रहा भाभी जी अच्छा पहले कपड़े तो उतारो.फिर उसने अपने और मेने अपने सारे कपडे उतार दिए अब हम दोनो बिलकुल एक दूसरे के सामने नंगे थे उसका लन्ड देखकर मैं दंग रह गई उम्र के हिसाब से उसका लन्ड बड़ा था लंबा भी फिर वो मेरे पास आ कर मुझसे लिपट कर मेरे होंठो को चूमने लगा मुझे उसने कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया था.मेरे होंठो बुरी तरह से चूसने लगा मै भी उसका पूरा साथ देने लगी फिर वो मेरे स्तनों को चूसने लगा और दबाने लगा सतनों को जोर जोर से मसलने लगा साथ में निप्पल को
मुसीबत के समय में सामाजिक कार्यकर्ता ने उसकी असहाय स्थिति का गलत फायदा उठाया
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