वो दीदी को हर बात पर टोकती रहती थी. दीदी का दिल धड़क भी रहा था की पता नहीं वो बाबा उनके साथ क्या करे.बाबा ने एक नजर शालिनी दीदी के मदमस्त भरे हुए बदन को सिर से पाव तक देखा तो बोला आज मस्त चिड़िया हाथ लगी है , वरना अभी तक तो अंधी, लूली, लांगरी ही हाथ लगती थी जिसको चोदने में कोई मजा नही मिलता था बाबा बोला. XXX Hindi दीदी मना करती रही, बाबा मेरी दीदी को चोदता, पेलता, खाता, बजाता रहा. मेरे जीजा जतिन बहुत ही अच्छे आदमी थे, पर उनकी माँ और मेरी दीदी की सास बहुत ही चंट औरत थी. बाबा मेरी दीदी की मस्त फूली फूली चूत पीने लगा. बहुत ही बड़ा , काला और बदसूरत लंड था बाबा का. पर वो हरामी नही रुका. उन्होंने अपने दोनों जंधे सिकोड़ दी. पर वो हरामी नही रुका. काफी भीड़ लगती थी उसके पास. बदन में गोश ही गोश था. दीदी बाबा की नियत देख के डर गयी. उनकी सारी सहेलियों के बच्चे हो गये थे. उनकी चूत में बहुत दर्द हो रहा था.रास्ते में शालिनी दीदी ने मुझे अपनी सारी दास्तान सुनाई. बहुत दुःख रहा है !! खड़ा ही नहीं हुआ उस समय.आओ बेटी!! शर्म करोगी तो महाप्रसाद कैसे लोगी?? बाबा मस्ती से उनको चोदता चला गया. दीदी आज हल्की हरी रंग की साडी में थी.















