ओ ज़ालिम अब जल्दी से मेरी आग बुझा.”“रानी, यह सब इतना आसान नहीँ है जितना तुम समझ रही हो। अभी तुम कुंवारी, कच्ची कली हो, कहीँ कुछ उल्टा सीधा हो गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे”, रमाकांत सिंह बोला, ”बहुत ही मुश्किल होता है ऐसी आग को बुझाना। बहुत ऐहतियात बरतनी पडती है, बहुत कुछ सहना-करना पड़ता है, तेरी अभी उमर ही क्या है… न… तू नहीं सहन कर पाएगी।”“हरामजादे… जब बुझा ही नहीँ सकता था तो फिर तूने एैसी आग लगाई ही क्योँ”, वंदना बेख्याली में ही रमाकांत सिंह को गालियाँ देते हुए बोली, ”अब मैँ कुछ नहीँ जानती, चाहे जैसे भी करके मेरी शांति कर.”“बेबी… ऊपरवाले की दया से ऐसी तो कोई आग है ही नहीं जिसे तुम्हारा ये रमाकांत बुझा न सके”, रमाकांत सिंह ने हल्की परन्तु बहुत ही कुत्ती मुसकुराहट के साथ कहा,”पर ऐसा करने के लिए अब मेरी कुछ शर्तें हैं।”“शर्तें… कैसी शर्तें ?”“जानेमन, अब तुम्हारी आग को बहुत ही एहतियात के साथ अगर बुझाना है तो इसके लिये मुझे बहुत मेहनत करना पड़ेगी। अब जब इतनी मेहनत करुंगा तो बदले में मेरा भी तो कुछ फायदा होना चाहिये ना ???”“हम्मममममम.”“बेबी, अब तुम्हें भी कुछ दाम खर्च करने पड़ेंगे”, रमाकांत सिंह बोला, ”अब अगर अपनी जवानी की इस आग को शान्त करना है तो कुछ मुझे भी तो बदले मेँ मिलना चाहिए.”वंदना बोली, ”साले हरामी, मैँ
भारतीय गर्मियों की याद दिलाती ब्रुनेट Milf की चुदाई मैनुअल फेरारा के साथ, मोजे, लिंजरी, बिकिनी, हाई हील्स और छोटे स्तनों का मज़ा
Actors:
India Summer / Manuel Ferrara