पूर्वी भारत से कामुक तांत्रिक सीख

फिर कुछ देर के बाद मैंने उसको बेड पर सीधा लेटाकर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रख दिया.मैंने बस थोड़ा सा धक्का देकर अंदर किया ही था कि उसकी चीख निकलने लगी, अहह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईईइ शैलेश प्लीज इसे अब बाहर निकालो, उफफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अब में उसके चीखने चिल्लाने और दर्द की परवाह ना करते हुए धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर करने लगा और उसका मुहं बंद करने के लिए में उसे लगातार स्मूच करता रहा, जिससे उसकी बाहर आवाज़ ना निकल सके.अब वो दर्द की वजह से रोने लगी और छटपटाने लगी, लेकिन में अपना चुदाई का काम लगातार करता रहा और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा 6 इंच का लंच उसकी उस कुंवारी, प्यासी, तड़पती हुई चूत में पूरा अंदर डाल दिया तो ऊपर से वो रो रही थी और नीचे से मेरे ज़ोर के धक्को से उसकी उस चुदाई की वजह से उसकी चूत से खून भी निकल रहा था.लेकिन मैंने देखा कि कुछ देर बाद वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और वो मुझसे कह रही थी, आअहहाअ शैलेश दो और ज़ोर से धक्का दो शैलेश हाँ उह्ह्ह चोदो मुझे, अह्ह्ह्ह मेरे जानू. XXXBF फिर मैंने भी उसको अब पूरे जोश में आकर धक्के देकर चोदना शुरू किया.उसने भी अपनी चूतड़ को उठाकर मेरे लंड

पूर्वी भारत से कामुक तांत्रिक सीख

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