तुम समझ रहे हो ना?मेरा मन रोने का हो रहा था लेकिन फिर भी मैंने सर हिला दिया.अलबाज़ जी बोले- शाबाश! BFSex मैंने सोफा पर कपड़े पड़े देखे और मुझे बहुत ही अजीब लगा. उसी तरह हमारे शहर के नगरआयुक्त महोदय जेतालाल, और नगर निरीक्षक अलबाज जी की मुझसे परम मित्रता थी और उनकी मुझ पर अत्यधिक कृपा थी.तीनों की सम्मिलित पहचान के कारण मेरा रुतबा और पकड़ शहर के कई कार्यालयों में था और सब मुझे पहचानते थे. मैंने बाकी लोगों को कॉल किया तो उनका नंबर पहले से स्विच ऑफ था.मुझे लगा कि सीमा की मोबाइल की बैटरी कम रही होगी और बाकी लोग आने से पहले मोबाइल स्विच ऑफ कर के रखे होंगे. फिर मैंने घर जाने की इजाजत मांगी.जेठालाल जी बोले- इतनी जल्दी?तो अलबाज़ जी बोले- जाने दे दूसरी शादी हुई है.सलमान जी तुरंत याद करके बोले- अरे हां … और तुमने अभी तक अपनी पत्नी से हमें मिलाया भी नहीं.मैंने कहा- कल रेस्टोरेंट में लेकर आ जाता हूँ और मिलवा देता हूँ.जेठालाल जी बोले- गधे जैसी बात मत करो. जेठालाल जी ने एक दिन कॉल करके कहा- आ जा शाम को… फलां बार में प्रोग्राम बना है, मिलना है. फिर मैंने घर जाने की इजाजत मांगी.जेठालाल जी बोले- इतनी जल्दी?तो अलबाज़ जी बोले- जाने दे दूसरी शादी हुई है.सलमान जी तुरंत याद करके बोले- अरे हां … और













