नहीं प्लीज सुधा ! XXXBF बताओ क्या है ?”” हट !”” हट नहीं ! बीज नीचे गिर जायेगा।”मूत कर वह उठी तो मैंने उसे अपनी टांगों को सीधे फैला लिया और उसकी टांगों को अपनी कमर के दोनो तरफ करवा कर बैठा लिया। उसकी चूत से मेरा सिकुड़ा लंड स्पर्श कर रहा था। मांसल चूचियां मेरे सीने से पिस रही थीं। उसके खुले बाल उसकी पीठ पर फैलकर वातावरण को मादक बना रहे थे। वह बोली, ” अब चलो। अपनी तो कर ही ली। देर हो जायेगी।””देर तो हो गई। थोड़ी और सही। ऐसा सुनहरा अवसर अब तो कभी नहीं मिलेगा।”उसने कोई उत्तर नहीं दिया इसका मतलब था कि उसकी भी मौन स्वीकृति थी। मेरे हाथ उसकी पीठ से लेकर उसके नाद जैसे भारी चूतड़ों की दरार तक चल रहे थे। वह भी मेरे बालों में अंगुलियाँ चला रही थी। कभी कभी मेरी कनपटियो को भी सहलाने लगती।मैंने यूं ही पूछा, ”सुधा कभी सोचा था कि तुम्हारी चुदाई ऐसे रोमांटिक वातावरण में होगी?”उसने कोई उत्तर नहीं दिया। मैंने उसे खड़ा किया तो वह रोबोट की भांति खड़ी हो गई। बिल्कुल नंगी ! ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.हुआ भी वही, बारह से एक बज गया फिर दो, तब जाकर कहीं गाड़ी आई। घर फोन से बात करने की कोशिश की लेकिन संभवतः सम्पर्क ना होने के कारण बात
देवर जी, मेरी छोटी सी चूत को दोनों तरफ से सहलाओ… आवाज़ें साफ सुनाई दे रही हैं
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