उ उ उ..करने लगा। मेरी पतली कमर को पकड़ कर आकाश मेरी रसीली बुर में जल्दी जल्दी लंड अन्दर बाहर करने लगा और मुझे चोदने लगा। मैंने उसकी नंगी पीठ को दोनों हाथों से पकड़ लिया और कस कसके मजे लेकर चुदवाने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.वो मेरी भरी हुई बुर को अच्छे से चोद रहा था। अई…अई….अई……अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की तेज आवाजे मैं बार बार निकाल रही थी। मेरे कुवारे होठ आकाश बड़े कायदे से चूस रहा था और मेरी चूत में बार बार अपना लंड उतार रहा था और मुझे चोद रहा था।मैं चुद रही थी और बहुत जादा कामुकता महूसस कर रही थी। और एक दुसरे की आँखों में एक दूसरे को देख कर कर सम्भोगरत थे और जवानी का मजा उठा रहे थे। मेरी रसीली योनी में बड़ा मीठा मीठा अहसास हो रहा था। कुछ देर बाद मेरे आशिक आकाश का माल गिरने वाला था।उसका बदन एठने लगा तो मैं जान गयी की उसका लौड़ा माल गिराने वाला है। आकाश बहुत जादा गर्म हो गया और जोश में आ गया। उसने मुझे कसकर दोनों कंधे से पकड़ लिया और किसी रंडी की तरह फट फट करके चोदने लगा।अचानक उसने अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी, और बड़ी जल्दी जल्दी मेरी बुर चोदने लगा। कुछ देर बाद वो स्खलित हो गया















