उ उ उ..” मैं गर्म गर्म सिसकारी लेने लगी।कुछ ही देर में सर्दी के मौसम में भी हम भाई बहन के जिस्म में पसीना आ गया। मैं अपने भाई को आज दिल खोलकर प्यार कर रही थी। वो मुझे गचा गच चोद रहा था। उसकी कमर किसी मशीन की तरह तेज तेज मेरी चूत में मोटा लौड़ा सप्लाई कर रही थी और मुझे हौंक हौंक कर ठोंक रही थी।कुछ देर बाद मेरी कमर अपने आप नाचने लगी और मैं मजे से “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. BF XXX कोई बात नही, ये राज सिर्फ हम दोनों के बीच रहेगा” मैंने उससे फुसफुसाकर समझाया।तब जाकर वो शांत हो गया और मेरे उपर मजे से बिना किसी शर्म के खुलकर लेट गया और मेरे दूध पीने लगा। “आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी….” मैं कसमसाने लगी। ओमप्रकाश तो बेचारा वैसे ही चूत और चुच्ची का प्यासा था। वो तेज तेज मेरे दूध पीने लगा।मेरे दूध को मुंह में लेकर ऐसे चूस रहा था जैसे आजतक उसने किसी लौंडिया की चूची ना पी हो। धीरे धीरे मुझे भी फुल मजा आने लगा। उसके दांत मेरी मुलायम निपल्स में गड रहे थे और मुझे चरम सुख का मजा दे रहे थे। धीरे धीरे मुझपर चुदाई का अजीब सा नशा छाना शुरू हो गया था।हाँ ये सच है की आज मैं अपने भाई से कसकर चुदवाना चाहती थी।















