धक्कों से वो फुल मस्त हो चुकी थी। क्या बताऊँ दोस्तो.. तो मैं खुश हुआ कि चलो अब शायद थोड़ा खुल कर बात हो।एक दिन शाम को भाभी ने मेरा नंबर माँगा- नरेन्द्र तुम अपना नंबर दे दो.. BF XXX मैं तो ललचाई आँखों से उनको ही देख रहा था। मैं एक 2 सीटर कुर्सी पर बैठा था, मैंने भाभी से कहा- इसी पर आप भी आ जाओ न.. क्या बदन था उसका..! आहह.. आअहह.. कुछ भी बाकी नहीं रहा था।मैंने बातों-बातों में उन्हें बताया कि मुझे अपने से बड़ी भाभी या आंटी अच्छी लगती हैं।उसने पूछा- ऐसा क्यों?मैंने कहा- उन में एक अलग आकर्षण होता है.. आह्ह..जैसे ही मैंने अपनी जीभ छेद पर रखी.. बोली- अच्छा बात घुमाओ मत.. कभी कोई ज़रूरत होगी.. तो मेरा लंड ने हाफ पैन्ट में तंबू सा बनाया हुआ था और मैं लगातार उसे धीरे-धीरे सहला भी रहा था।भाभी लौड़े की तरफ देख कर बोली- और बताओ.. मेरी उमर 35 है..मैं तो दंग रह गया, मैंने कहा- सच में भाभी आप तो खुद को ग़ज़ब का मेनटेन किए हैं। तो बोली- हाँ.. तो पूरा लंड सटाक से अन्दर चला गया। भाभी के मुँह से हल्की ‘आअहह..’ निकली और उसने मुझे कसके अपनी बाँहों में जकड़ लिया। अब मैं ऊपर चढ़ कर उसे चोदे जा रहा था। नीचे से भाभी अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही















