मैं पागल हो गई थी मुझे इसी दिन का और इस पल का ही इंतज़ार था। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और तीन चार कोशिश में ही लंड मेरी चुत के अंदर डाल दिए। मैं दर्द से कराह उठी। शायद थोड़ा खून भी निकला था पर पता नहीं चला। करीब पांच मिनट की चुदाई के बाद ही मैं कामुक हो गई।मैं तुरंत ही उनपर चढ़ गई अपनी चूचियां उनके मुँह में दे दी। उनके मुँह पर बैठ गई पहले चूत चटवाई फिर गांड और फिर उनके लंड पर बैठकर पूरा अपने चुत में ले ली। फिर क्या था दोस्तों पूरी रात उन्होंने थोड़ा समय ले ले कर मुझे चोदा और मै भी अपनी जिस्म की ज्वाला को अपने पापा से शांत की। उसके बाद तो पापा का लंड मुझे भा गया आज मम्मी को गए कई दिन हो गए है वो मुझे खूब चोदते हैं और मैं भी खूब मजे ले रही हूँ।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- मेरी मम्मी भी बहुत सुन्दर है अभी भी मेरे में और मेरी मम्मी में ज्यादा अंतर नहीं है लगता है हम दोनों बहन रहें।जब दिल्ली आई तो बहुत खुश रहने लगी मैं और मेरी माँ। क्यों की हम दोनों की खुशियां फिर से लौट आई थी। मेरा अपना कमरा मम्मी पापा का अलग कमरा। बड़ा सा फ्लैट और दो दो गाड़ियां किसी















