धर्मेश बोला।इसी महासंग्राम में मैं भी कूद पड़ा। मैं अपनी बीवी के हसींन गोरे पैरों को चूमने चाटने लगा। भाभी! BFSex कितना सुखद था ये पल। मेरी बीवी कबसे किसी गैर मर्द से चुदाई के सपने देखती थी। आखिर उसको गैर लण्ड मिल ही गया। मैं इस मधुर मिलन को देखकर मन्त्रमुग्ध हो गया। मुस्कान अब जरा भी नही शर्म कर रही थी। वो वैभव से नजरे मिलाकर चुदवा रही थी।वैभव की नजरें मेरी खूबसूरत जवान बीवी की नजरों से हटती ही ना थी। वो मुस्कान को बस देखे जा रहा था, उधर लण्ड और चूत अपना काम किसी आटोमेटिक मशीन की तरह कर रहे थे। उधर दूसरी ओर धर्मेश मेरी बीवी के मुँह को चोद रहा था। और मैं उसके मम्मे पी रहा था।मुस्कान की चूत को पहले कौन मारेगा, इसको लेकर कोई झगड़ा नही हुआ। धर्मेश ने कोई विरोध् नही किया। वैभव ने अपने दोनों हाथ मेरी जवान बीवी की चिकनी गुद्देदार जंघों पर रख दिए, और मस्त चोदन करने लगा। ये दृश्य देखने लायक था।मन था कि अपनी बीवी के गैंग बैंग को वीडियो में रिकॉर्ड करुँ। फिर डर था कि किसी के हाथ लग गया तो गजब हो जाएगा। इसलिए रिकॉर्डिंग नही की। वैभव खूब कस कसके मुस्कान को चोदने नोचने लगा। मुझे मजा आ गया ये देखकर। आधे घण्टे वैभव ने मेरे सामने मेरी बीवी को चोदा नोचा















