मेरी सहेली ने मेरे पति के साथ मिलकर मुझे गर्म चुदाई का मजा दिया

मगर उसकी माँ जल्द ही बर्तन साफ़ करके आने वाली थी.उसे ज्यादा समय नहीं लगने वाला था. BFSex वो तमाचा लगने से इतना आहत नहीं था. प्रतिमा अपने बेटे के लंड के उस कड़कपन को महसूस करना चाहती थी. उस बेचारे से बर्दास्त नहीं हुआ और उसके मुख से ऊँची ऊँची कराहें निकलने लगी. बेटे के मुख से निकलती ‘अह्ह्ह्ह- अह्ह्ह्ह’ ‘उफ़’ ने प्रतिमा को और भी उतेजित कर दिया. उसकी माँ उसके लंड पर अपनी चूत दबाएगी इस सम्भावना मात्र से उसका लंड फिर से झटके मारने लगता है. मगर समस्या यह थी कि वो दिन भर के काम से शरीरक और मानसिक रूप से इतना थक जाता था कि वो प्रतिमा को उस तरह चोद नहीं पाता था, जिस तरह वो चुदवाना चाहती थी.प्रतिमा के बदन में इतनी कसावट थी कि जितना उसको मसलो उतनी ही उसमें कसावट बढती जाती थी. उन दोनों को अब तरसने की कोई जरूरत नही थी और बिलकुल भी नहीं थी. जो उस उत्तेजना को मिटाने के लिए किसी भी हद्द तक जा सकती थी.“और एक बात और ……” प्रतिमा दरवाज़े की चौखट पर पीछे को मुड़कर बोलती है, “अपनी लुल्ली को लुल्ली बुलाना बंद कर … अब यह लुल्ली नहीं रही … पूरा लौड़ा बन गई है” कहकर प्रतिमा कमरे से बहार निकल जाती है.डायनिंग रूम में नाश्ते के टेबल पर दोनों माँ बेटे ख़ामोशी से

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