तुमने मेरी चूत चोदने में ही जान निकाल ली थी। और मैंने सुना है कि इसमें दर्द भी बहुत होता है।मैं- अरे पहली बार जब आपकी सील तोड़ी गयी थी तब भी दर्द हुआ था ना! XXX BF कहते हुए झड़ना चालू कर दिया। उनके रस का स्वाद इस बार कुछ नमकीन और कुछ पेशाब जैसी गंध वाला मिश्रण था। मैंने उनका थोड़ा सा रस अपने मुँह में भर लिया और उनकी बहती हुई चूत को छोड़ कर उनके होंठ तरफ चल दिया।मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिये। शायद मौसी को मेरी शरारत का पूर्वाभास हो गया था इसलिये उन्होंने अपनी आँखें और होंठ दोनों बलपूर्वक बंद कर रखे थे। मैंने अपने होंठों से उनके होंठ को अच्छे से दबा रखे थे। अब उन्हें साँस लेने परेशानी होने लगी थी। वो साँस लेने के लिय मचलने लगी।जैसे ही उन्होंने अपना मुँह सांस लेने के लिय खोला, मैंने उनके मुँह में उन्ही के कामरस को अन्दर उड़ेल दिया और फिर से उनके होंठ को अपने होंठ में बंद कर लिया। मौसी को न चाहते हुए भी वो करना पड़ा जो मैं चाह रहा था। उन्होंने अपनी चूत के कामरस को गले के नीचे उतार लिया। मैंने उनका ऊपर वाला होंठ चूमा और पैरो के पास सिर रख कर लेट गया। मैं उनके पैर के पास सर करके लेट गया।मौसी मुझसे बात करने लगी-















