मैं विद्युत की रफ़्तार से दरवाजे तक गया और सेकंड से भी कम समय में दरवाज़ा खोल दिया। दरवाज़ा खुलते ही मेरे चेहरे से सारी ख़ुशी ग़ायब हो गयी, सामने मेरी नौकरानी खड़ी थी।“क्या हुआ साहब… आप ऐसे क्यों आंखें दिखा रहे हो?” नौकरानी ने हैरत से देखते हुए कहा।“शीला… आज तुम्हें सफाई करने की जरूरत नहीं है… तुम घर जाओ.” मैं दरवाज़े पर खड़े खड़े नौकरानी से कहा।“साहब, कोई गलती हुई हो तो माफ़ी दे दो… पर काम से मत निकालो!” नौकरानी ने परेशान होकर मेरी खुशामद की।“ऐसी बात नहीं है शीला, असल में मैं पूरी रात बाहर जाग कर आया हूँ और आराम से सोना चाहता हूं, तुम्हारे काम की खटर पटर से मैं ठीक से सो नहीं पाऊँगा.” मैंने उसे समझाया।“ठीक है साहेब… मैं कल आ जाऊँगी.” नौकरानी ने कहा और वो पलट कर जाने लगी।उसके लौटते ही मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया, वापस सोफ़े पर बैठ गया और सिगरेट सुलगाकर कश लेने लगा। मैंने अभी दो चार कश ही लिये थे कि फिर से दरवाज़े की बेल बजी। मैं लपक कर दरवाज़े तक गया, दरवाज़ा खोलते ही डॉक्टर ज्ञानेश खड़े दिखाई दिए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.“गुड मॉर्निंग विवेक जी!” डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा।“गुड मॉर्निंग डॉक्टर ज्ञानेश… आप अंदर आइये!” मैंने उन्हें अंदर आने को कहा।उनके अंदर आते ही मैंने दरवाज़ा
मस्त हिंदी चीखों के साथ गीली योनी पर गर्म स्खलन का मजेदार संकलन
Actors:
Sexyplayboy / Shakshirani
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