जब भी मैं उसके घर जाता था, तो उसकी मम्मी मुझे बहुत प्यार करती थी. BFSex जब मेरा नियम बिलकुल बदल गया था.अब जब मैंन दामिनी के कमरे में आता था तो सबसे पहले हम दोनों जोर जोरी करते थे. मैंने दामिनी को कुछ नही कहा. अब तो मैं दामिनी को ३ ३ घंटे उसके कमरे में पढाता रहता.मेरा जिगरी दोस्त पंकज और उसकी मम्मी भी बहुत खुश थी की मैं दामिनी को कितनी महनत से पढाता हूँ. एक दो बार तो हम दोनों बच गए थे वरना उसको मम्मी और मेरी मुह्बोली आंटी हमदोनो तो रंगे हाथों पकड़ लेती. मेरी पढाई भी ठीक चल रही है! कुछ चड वो सोचती रही, फिर मेरे पास आ गयी. एक बार फिर से दामिनी के दोनों हाथ उसके गुप्त स्थल को छिपाने के लिए स्वतः दौड़ गए.मैंने बड़ी मुश्किल से उसके हाथ वहां से हटाए. मैंने दामिनी से कहा. फिर मैं घर लौट आया. मेरे हाथ उसके सबसे संवेदनशील अंगों को छू रहें थे. आज शाम मुझसे अपने जिगरी दोस्त की बहन की चूत का शिकार करना ही था.जब मैं उसकी सफ़ेद पैंटी उतरने लगा तो दामिनी मना करने लगी. दामिनी से आँखे बंद कर ली. मेरी बढ़ती हरकतों के साथ दामिनी का कलेजा भी धकर धकर करने लगा.डरों मत दामिनी!!















