मुझे घूर के देखने लगा. कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हुआ.क्या तुम मुझे और चोदोगे?? BFSex मेरे इस पहले कस्टमर का लंड सच में बहुत लम्बा था.मेरी नटटी तक वो जा रहा था. शाम ३ बजे से मेरी माँ और बाकी सभी लडकियाँ और औरते सजना शुरू हो जाती थी.वो चमकीले सलवार सूट पहनती थी. बड़ा मोटा सा सुपाडा था उसका. वो ललचा गया. और जोर से अंदर धक्का दिया. छोडो मुझे! मैं ये बात अच्छी तरह से जानती थी. मेरी माँ बोली. मैंने अपने दोनों जाघों को जोड़कर अपनी चूत को ढकने की असफल कोसिस की, पर मैं कामयाब ना हो सकी. मेरी ठुड्डी पर अपना हाथ रखा और धीरे धीरे मेरे मुँह में अपना लंड अंडर बाहर करने लगा. जिस तरह वो अपनी बकरी को रस्सी से बाधता था, उसी तरह उसने मेरे दोनों हाथ उपर करके बाँध दिए.मेरे मुँह पर उसने रुमाल इतनी जोर से खींचकर बाँधा की मेरा मुँह दर्द करने लगा. मैंने रोने लगी. कुछ नही जानती है. कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हुआ.क्या तुम मुझे और चोदोगे?? मेरी जाली वाली पैंटी भी फाड़ दी. मेरा पहला कस्टमर अब मेरी कुंवारी चूत को पी रहा था.मेरे बुर के होंठ खोल खोल के वो पी रहा था. आज भी वो सिर्फ मुझको चोदने आता है. मेरी बुर के दोनों होठ किनारे को भाग गए.















