तो मैं आप सब को एक बात बता दूं, कि मैं रंडी तो बिल्कुल नहीं थी। लेकिन काफी दिनों से चुदासी जरूर थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.सर ने कहा: उसके बदले तुम्हे कुछ देना पड़ेगा।मैंने कहा: जो लेना हो ले लीजिए।और फिर सर ने मुझे पकड़ के पहले जम कर मेरे होंठ चूसे, और मेरी चूची दबाई। उसने मेरी शर्ट उतार दी, और मेरी स्कर्ट ऊपर उठा दी, और मेरे गोल चूतड़ों में हाथ मलने लगा। मेरी कमर में उसके हाथ लगते ही मैं पूरी पानी-पानी हो गई, और तुरंत मैंने सर की पैन्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ लिया।उसका लंड एक-दम डंडे की तरह कठोर और लंबा हो गया था। मुझे समझ आ गया था कि मैंने अपनी कुंवारी बुर के लिए गलत लड चुन लिया था। आज मेरी बुर का भोसड़ा बनने वाला था। 20 मिनट तक चुम्मा-चाटी के बाद जब मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने तुरंत उनकी पैन्ट को नीचे कर दिया, और ठीक से उनका लंड बाहर निकाल कर मुंह में लेकर चूसने लगी।सर मेरे गोल बूब्स जिनका साईज 34-26-36 था, और देखा जाए तो दोस्तों वैसे मेरे बूब्स कुछ ज़्यादा ही बड़े थे। कसम से उसका लंड इतना मोटा और लंबा था, कि मेरी गर्दन के नीचे तक उसका लंड जा रहा था। उसका लंड एक










