फिर मेरी शादी तय हो गई और शादी पंद्रह दिन के अंदर ही हो गया, मेरी विदाई दूसरे दिन होनी थी, क्यों की उस दिन दिन ठीक नहीं था इस वजह से सुहागरात का इंतज़ाम यही हो गया.मेरे हसबैंड काफी लम्बे चौड़े बड़े ही सुन्दर खूब खुश थी की चलो अब तो लंड ही लंड मिलेगा, मैं दूध का गिलास लेके पहले से घूंघट में तैयार थी, मेरी तो चूत और चूचियाँ फड़क रही थी, मुझे लंड चाहिए था, वो आये फिर, थोड़े देर तक बात चित की और फिर मेरे होठ को चूसते हुए लिटा दिए. BFSex उसको बाद तो उन्होंने हथोड़े की तरह अपना लंड निकाला, और मेरे चूत के छेड़ पर रखकर उन्होंने पेल दिया, अब क्या बताऊँ दोस्तों ये मेरी पहली चुदाई थी, मेरा बूर तो फट गया, खून निकलने लगा.पर मैं भी वो सब का परवाह ना करते हुए मैंने भी अपने चूतड़ को उठा उठा कर चुदवाना सुरु कर दिया, वो ऊपर से मैं निचे से धक्के लगा रही थी, और पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूंज रहा था, मेरे मुह से सिर्फ आअह आआह आआह आआअह आआअह आआह की आवाज निकल रही थी. शादी के दूसरे दिन ही दीदी जब मंदिर गई थी माँ के साथ और जीजा जी यही थे.अकेले का फायदा उठा कर जीजा जी ने मुझे किचन में मेरे होठ चूस
भारत में चार लोगों का जोशीला संभोग
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