भारत की विदेशी सुंदरता का प्रेमी

मैं स्टोर से सामान ले आया और उससे दिया तो वो मुझे कमरे में ले गई और संदूक से एक थैली निकाल के मुझे देके बोली, ज़रा मुझे पढ़के बताना यह क्या है क्योंकि वो पढ़ना नहीं जानती थी.मैंने बैग खोला और उसमें एक ट्यूब था, और एक पंपनुमा चीज़ थी. क्यों कैसा था वो मुस्कराते हुए बोली… ज़बरदस्त… मैं कमज़ोर से लहजे में बोला… फिर करना है… उसने पुछा… अभी नहीं अभी मुझे बुहत कमज़ोरी सी हो रही है.. XXX BF उसके गरम मुंह के एहसास से ही मेरा पूरा जिस्म गरम हो गया और मैंने चंद ही मिनट में अपना माल छोड़ दिया.उसने अपने होंठ मेरे लंड के इर्द गिर्द चिपका दिए, और उससे उस वक्त तक नहीं छोड़ा जब तक मेरा लंड बिलकुल सूख के छोटा नहीं हो गया. मैं सारा दिन उनके बड़े बड़े मम्मे हिलते हुए देखता और फिर घर आकर उनका सोच सोच के मुठ मारता.कभी कभार वो बैठें अपने बच्चों को दूध पीला रही होती और मैं वहां जा पुहंच जाता लेकिन उन्होंने कभी मुझ से पर्दा नहीं किया. वो मेरे हाथ को अपने मम्मे पर धीरे धीरे मसलने लगी और फिर बोली पहले कभी नहीं देखे क्या. मेरा लंड उसकी गरम चूत के अंदर गहराई में पम्पिंग कर रहा था.हम दोनों गहरी गहरी सांसें लेने लगे और काफी देर तक ऐसे ही लेटे रहे.

भारत की विदेशी सुंदरता का प्रेमी

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