मैं कहाँ नाराज़ हूँ? XXXBF तब मेरी आयु तेरह साल की थी।लेकिन तरुणा भाभी को भी संतान नहीं हुई। आस्था और तरुणा की हालत बिगड़ गई, भैया उनके साथ नौकरानियों जैसा व्यवहार करने लगे। मुझे लगता है कि भैया ने दोनों भाभियों को चोदना चालू रखा था संतान की आस में। दूसरी शादी के तीन साल बाद भैया ने तीसरी शादी की श्रद्धा भाभी के साथ।उस वक़्त मैं सोलह साल का हो गया था और मेरे बदन में फ़र्क पड़ना शुरू हो गया था। सबसे पहले मेरे वृषण बड़े हो गये बाद में कांख में और लौड़े पर बाल उगे और आवाज़ गहरी हो गई। मुँह पर मूछें निकल आई, लौड़ा लंबा और मोटा हो गया, रात को स्वप्न-दोष होने लगा, मैं मुठ मारना सीख गया।आस्था और तरुणा भाभी को पहली बार देखा तब मेरे मन में चोदने का विचार तक आया नहीं था, मैं बच्चा जो था। श्रद्धा भाभी की बात कुछ और थी। एक तो वो मुझसे चार साल ही बड़ी थी, दूसरे वो काफ़ी ख़ूबसूरत थी, या कहो कि मुझे ख़ूबसूरत नज़र आती थी। उनके आने के बाद मैं हर रात कल्पना किए जाता था कि भैया उसे कैसे चोदते होंगे और रोज़ उसके नाम पर मुठ मार लेता था।भैया भी रात-दिन उसके पीछे पड़े रहते थे, आस्था भाभी और तरुणा भाभी की कोई क़ीमत रही नहीं थी। मैं मानता