सौम्या ने पूछा।हममें से एक लड़का चोर बनेगा और बाकी सभी छुप जाएंगे। चोर बना लड़का जिसे पहले ढूंढ़ लेगा अगली बार वो दाम देगा। सुजीत ने बताया।ठीक है, सौम्या ने कहा।चोर बनने का नंबर नीरज का आया और वो दाम देने चला गया। सभी छुपने की जगह ढूंढने लगे। सुजीत ने सौम्या का हाथ पकड़कर कहा, मेरे साथ आओ। मैं तुम्हे ऐसी जगह छुपाउंगा कि नीरज तो क्या उसका बाप भी नहीं ढूढ पाएगा। सौम्या सुजीत के साथ चली गई। सुजीत उसे पास के एक घर के एकदम पीछे वाले कमरे में ले गया, जहां बहुत अंधेरा था।सौम्या ने कहा, यहां तो बहुत अंधेरा है मुझे डर लग रहा है।घबराओ मत मैं तुम्हारे साथ हूं। सुजीत ने कहा.और सौम्या का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। सुजीत सौम्या के पीछे खड़ा था और सौम्या के चूतड़ उसकी जांघों को छू रहे थे। सुजीत ने अपना एक हाथ सौम्या के कंधे पर रख लिया। अचानक उसका हाथ फिसलकर सौम्या की चूंचियों पर आ गया तो सौम्या बोली-सौम्या= यहां से हाथ हटाओ न गुदगुदी होती है।सुजीत= लेकिन यहां हाथ लगवाने में मजा भी बड़ा आता है।सौम्या= तुम झूठ बोलते हो।सुजीत= कसम से सौम्या अच्छा अगर तुम्हे ठीक न लगा तो मैं हाथ हटा लूंगा।ठीक है। सौम्या ने कहा।सौम्या के इतना कहते ही सुजीत ने उसकी चूंचियां पकड़ ली और दबाने लगा। सौम्या की















