भारत की असली गर्मी

वो बिलकुल व्याकुल और बेचैन हुआ जा रहा था. XXXBF उस दूकान से मैं हमेशा ब्रा पेंटी लेती थी.‘कैसी हो बहनजी??…बोलो क्या चाहिए??’ दुकानदार बोला.‘ऐ…बहनजी किसको बोलता है. और तू इस तरह से इसे बेदर्दी से दबा रहा है!!’ मैंने उसे जोर से डाटा.वो सहम गया और आराम आराम से मेरी छलकती जाम जैसी छातियाँ दबाने लगा. हरामी!! ‘ऐ!! आज मैंने ब्रा और पेंटी नही पहनी थी क्यूंकि वो फटकर तार तार हो गयी थी. वो दुकानदार बड़ी मस्त ठुकाई कर रहा था. फिर मुझे खटाखट चोदने लगा. कुछ दिन पहले ही मेरी पेंटी पूरी तरह से फट गयी थी. अब जाकर वो अच्छी तरह से मजा मार पा रहा था. मेरी चूत के अंदर स्थित जी स्पॉट पर दुकानदार का लौड़ा पहुचकर मार कर रहा था. मैं तो कोमल रानी हूँ…सबकी प्यारी छिनाल कोमल रानी!!’’मैंने कहा.अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- बड़े प्यार से धीरे धीरे चोदने लगा. दुकानदार ने मेरे कयामत जैसी दूध देखे तो पागल हो गया. दुकानदार किसी शाबाश बच्चे की तरह अब भी मेरी चूत फेट रहा था. कहीं मार्किट में आते जाते किसी ने मेरी चूत देख ली तो गदर मच जाएगा.

भारत की असली गर्मी

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