आ रहा है चाचू..’ सृष्टि मस्ती के मारे बड़बड़ा रही थी.और मैं तो पहले ही मस्त हुआ शताब्दी एक्सप्रेस की स्पीड पर चुदाई कर रहा था। चुदाई लगभग पंद्रह मिनट तक चली और फिर सृष्टि जैसे ही दुबारा झड़ने को हुई तो मेरा लंड भी सृष्टि की चूत में अपने गर्म गर्म पानी से ठंडक पहुँचाने को तैयार हो गया।बीस पच्चीस धक्के और लगे और फिर सृष्टि और मैं दोनों ही एक साथ झड़ गये। जैसे ही सृष्टि को अपनी चूत में मेरे वीर्य का अहसास हुआ वो मस्ती के मारे हवा में उड़ने लगी और उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और टांगों को भी मेरे कूल्हों पर लपेट कर अपने से ऐसे जकड़ लिया जैसे वो मेरे लंड को अपनी चूत से अलग ही ना करना चाहती हो।हम दोनों ही जोरदार ढंग से झड़े थे। सृष्टि अपनी पहली चुदाई के जोश में और मैं अपने लंड को मिली कमसिन चूत को फाड़ने के जोश में! XXXBF नहीं तो अरुण आ जाएगा!’‘ये…’ जब सृष्टि ने अपनी चुचियों की तरफ इशारा करके कहा तो मेरे तो लंड की हालत ही ख़राब हो गई।‘तुम्हें अच्छा नहीं लगा…’ मैंने सृष्टि की आँखों में झांकते हुए पूछा.तो वो बोली कुछ नहीं पर उसने जिस अदा से अपनी आँखें झुकाई, मैं तो बस जैसे उसी में खो गया। तभी अरुण आइसक्रीम लेकर आ गया और















