भारतीय देसी सौतेली माँ के साथ जोशीला संभोग

मैंने समझाया।नंदिनी अब अपनी कमर उठा उठाके मुझे चोदने लगी। मेरा लण्ड उसकी बुर को पूरा पेनिट्रेट कर रहा था। मैंने आँखे बंद कर ली। नंदिनी मुझे चोदने लगी। बड़ी देर तक उसने मुझे यूँ ही चोदा। मैंने उसकी छातियाँ सहलाता रहा, उसकी निपल्स को अपने अंगूठे से मसलता रहा और नंदिनी अपनी दीदी की तरह चुदवाती रही।मैं उसके होंठ भी अपनी उँगलियों से सहलाता रहा। उसकी चुच्ची जब उछलती तो लगता कि मेरे बैट मारने से ही ये गेंद उछल कर स्टेडियम से बाहर जा रही है। दोंस्तों, मैं उस दिन दोपहर को नंदिनी के रूप पर फ़िदा हो गया था। वो किसी अफ्सरा, किसी हीरोइन से कम नही लग रही थी।ऐसी दुध भरी गोल गोल छातियाँ थी की दिल कर रहा था, अब कभी नंदिनी कभी अपने घर ना जाए और मैंने उसको ऐसी ही खाता पेलता रहूँ। बिलकुल मक्खन जैसा बदन था उसका। अब मैंने नंदिनी को एक सेकंड के लिए उठाया और पीछे मुँह करके बैठा दिए।नंदिनी उछलकर उछलकर चुदवाने लगी। मैं कामोत्तेजक ढंग से उनके बदन, नँगी पीठ, उसकी कमर, उसके चूतड़ों को प्यार से सहलाता रहा। फिर जब लगा की मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने लण्ड नंदिनी की बुर से निकाल लिया और उसके मुँह में पिच्च पिच्च पिचकरी छोड़ दी।नंदिनी मेरा माल पी गयी। उसके चेहरे पर भी मेरा चिप चिप गोंद लग गया।

भारतीय देसी सौतेली माँ के साथ जोशीला संभोग

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