भव्या और माया ने मिलकर बहुत ही शानदार खाना बनाया था हम सब ने खाना खाया और मैं फिर डाइनिंग टेबल पर ही सबको रसमलाई परोस दी इस बार मां ने भी बिना कुछ ना नुकुर किए हुए उसको खा लिया और मुझे आंख मार दी जैसे कह रही हो कि अब तो तू खुश है ना खूब मजे से चीख चीखकर चुदाई करवाना कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा.मैं मां की मुस्कान को समझ कर शर्मआ गई। थोड़ी देर बाद जब सब सो गए तो मैं नहा धोकर एक पारदर्शी गांऊन पहनकर भैया के रूम में गई और सारे खिड़की दरवाजों पर पर्दे लगा दिए। भैया पीछे से आए और मुझे अपनी गोद में उठा लिया हमारे होंठ चिपक गए और हम एक दूसरे को स्मूच करने लगे.मानस: धीरे से मेरे कान में) शोना आज बहुत खूबसूरत लग रही हो यही मेरा सरप्राइज है ना.नव्या: सरप्राइज तो आपके लिए बहुत बड़ा है लेकिन यह नहीं है आप खुद अपना सरप्राइज ढूंढ लो।भैया ने मेरे होठों को काटते हुए चूसने लगे और मुझे बिस्तर पर ले जाकर पटक दिया फिर मेरे ऊपर चढ़कर मेरा गाऊन खोल दिया गाऊन खोलते ही मेरा पूरा चिकना शरीर गोल गोल पत्थर से कठोर चूचियां और एकदम मलाई से चिकनी बुर भैया की आंखों के सामने आ गई। मानस मेरी जान बताना क्या सरप्राइज है मेरे लिए नव्या आपका















