आखिर तुम मुझे इतना तेल मालिश क्यों लगाते है???” प्रतिभा मुझसे इशारों इशारों में पूछती.“तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। प्रतिभा आई लव यू!!” मैंने बोल देता। पर वो मेरा मकसद खूब समझती थी। वो जानती थी की मैं उसे कसके चोदना और पेलना चाहता हूँ। पर वो भी 23 साल की जवान लौंडिया थी। धीरे धीरे वो मुझसे पट गयी। फिर मैं उसे लेकर उज्जैन के डैम घूमने चला गया।वहां पर हम दोनों से खूब मजे किये। डैम के किनारे हम दोनों काफी देर तक हाथ में हाथ डाले बैठे रहे। मैंने जी भर कर उसके होठ चूसे। आह!! मुझे गुल गुल लग रहा था.उफ्फ्फ्फ़कितनी मांसल चूचियां थी उसकी.उसने उत्तेजना में आँखें बंद कर ली और गपा गप ठुकाई का आनंद लिया। कुछ देर बाद मैं खुद को रोक ना सका। गोद में उठाकर पेलते पेलते उसकी चूत में मेरा माल निकाल दिया। जीजा की बहन अब चुद चुकी थी। अब मैंने उसे अपनी गोद से नीचे उतारा।“नवीन!! XXX Hindi कितनी बड़ी बड़ी, भव्य, गोल गोल बेहद खूबसूरत छातियाँ थी। मेरा दिल मचल गया था। मेरे हाथ उसकी नंगी कमसिन छातियों पर दौड़ने लगे। प्रतिभा “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की आवाज निकालने लगी।धीरे धीरे मेरे हाथ और तेज तेज उसकी रसीली छातियों को दबाने लगे। प्रतिभा हो भी नशा सा छा रहा था। फिर मैं झुककर उसकी छातियाँ पीने लगा। हम दोनों















