माँ ने अपनी एक टांग उसके दायें और एक टांग दिनेश के बायें डाल दी। दिनेश का सख्त लण्ड सीधा खड़ा हुआ था, दोनों प्यार से एक-दूसरे को निहार रहे थे। माँ उसके तने हुए लण्ड पर बैठने ही वाली थीं.. BFSex और अब वे उनके लण्ड को चाट-चाट कर साफ़ करने लगी थीं।‘इसमें आपको बहुत मजा आता है ना?’‘हाँ’ कहते हुए उनके लण्ड को माँ ने हिलाया..फिर माँ ने अंकल के लौड़े को अपने चिकने बोबे से लगा दिया और उसे अपनी छाती पर घिसने लगी। माँ अब बिस्तर पर बैठ गईं और अपनी चिकनी चूत को उंगली से पहले सहलाने लगीं.. आप भी ना.. खेलते हुए उन दोनों में फिर से आग भरने लगी थी। प्रकाश अंकल का लण्ड फुंफकारने लगा था।‘अब देरी किस बात की है..’ माँ ने चुदासे स्वर में कहा।‘नहीं मुझे अभी दूध पीने दो.. कहा था ना जड़ तक घुस जाएगा.. हाय रे… माँ के उरोज तो सच में बहुत सधे हुए थे.. तुम भी तो साथ ही रहोगी.. अब माँ जोर-जोर से ‘पुच्च.. चूत और लण्ड का खेल देखकर पेलवाने की तुम्हारी हवस जाग उठी..















