भारतीय आंटी की सवारी

अब उनके मम्मे बिल्कुल नंगे हो गए. उन्होने कहा के फ़रीहा का घर जो है होटेल में रहने की किया ज़रूरत है. XXX Hindi मै तो और भी बहुत कुछ खरीदना चाहता था मगर आप ने मुझे रोक दिया.” मैंने जवाबन कहा.“नही, नही तुम तो छोटे हो में तुम्हारे पैसे नही लगवाना चाहती थी. वो बहुत खुश थीं और ये बात उनके चेहरे से साफ़ ज़ाहिर थी.आम हालात में वो ज़रा सीरीयस ही रहती थीं मगर उस दिन उन्होने काफ़ी बे-तकल्लूफ़ी से मेरे साथ बहुत सारी बातें कीं. किसी भी औरत को अपनी चूत देने पर राज़ी करने के लिये मर्द का उस की शख्सियत के मुख्तलीफ़ पहलो’ओं से वाक़िफ़ होना बहुत ज़रूरी है. मैंने बाथरूम के बाहर से उन्हे बताया के में थोड़ी देर के लिये बाहर जा रहा हूँ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मैंने हाथ नीचे कर के उनके दोनो मम्मे पकड़ लिये और उनके दरमियाँ में अपना खड़ा लंड रख कर उससे आगे पीछे करने लगा. मैंने सोचा.मैंने एक दफ़ा फिर फूफी हिफ्ज़ा के चेहरे के ता’असूरात का जाइज़ा लेने की कोशिश की. मैरा दिल खुशी से झूम उठा क्योंके इस का मतलब ये था के वो ये जान लेने के बाद भी के में उनकी इतनी आओ भगत सिरफ़ फूफी होने की वजह से नही कर रहा था गुस्से में नही आई थीं.उन जैसी

भारतीय आंटी की सवारी

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