भारतीय अनोखी मिल्फ़ मुंह से ख़ुशी देती है

सेक्स का मतलब है जातीयता। सेक्स नाम है, क्रिया नहीं। इंग्लिश में ही बोलना है तो फकिंग कहो। घुमा फिरा कर बात करना हमें आता नहीं। अगर चोदना है तो साफ़ साफ़ बोलो की चोदना है। क्यों ठीक है ना?”संजय ने मेरी और देखा और बोला। हालाँकि संजय की बात सच थी। पर उस समय के लिहाज से और मेरी उधेङबुन वाली मानसिकता के कारण मैं उसे आसानी से झेल नहीं पा रही थी। संजय के व्यक्तित्व में खेतों की मिटटी वाली मर्दाना खुशबू थी। वह सख्त और अनाड़ी था तो फिर सुडौल और आकर्षक भी था। मैं चुप रही। संजय ने कहा, “फिर तुमने तुम्हारे पति से पूछा की वह किसे चोद रहा था?”मैंने कहा, “संजय मैं दुबारा कहती हूँ की ऐसी भाषा मत बोलो। यह सभ्यता वाली बात नहीं है।”संजय ने कहा, “चलो भाई सॉरी। आगे अपनी बात चालु रखो।”मैंने कहा, “उस समय तो मेरे पति ने लाइन काट दी। उसके बाद ना तो मैंने मेरे पति को फ़ोन किया ना ही साले मेर पति ने। बाद में जब वह घर आया तो मैंने उनके आते ही उसको आड़े हाथों लिया। हमारी काफी बहस हुई। आखिर में उसने माना की वह एक सेक्रेटरी को रात को होटल में बुलाकर चोद रहा था।”अचानक मेरे मुंह से “चोदना” शब्द निकल गया, तो संजय ताली बजाते हुए खड़ा हो गया और बोला, “यह

भारतीय अनोखी मिल्फ़ मुंह से ख़ुशी देती है

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