गन्गा मे उतरने के बाद मैने नहाने मे उनकी मदद की, लेकिन मैने जान बुझ कर उन्हे ज्यादा छुआ नही, अब आजूबाजू मे काफी लोग भी आये थे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.हमलोग खाना खाने नीचे आ गये, पन्डित ने मुझे बाजू मे ले जाकर सब समझा दिया यू समझो सारा मामला फिट् कर दिया. BFSex मुझे यकीन हो गया कि अब मम्मी को भी इन शरारती बतो मे मजा आ रहा था, मैने कहा मम्मी आप क्या बात करती हो, जब आप और दीदी साथ साथ चलती हो तो लोग आप दोनो को बहने कहते है.मम्मी ने मुडकर मेरी तरफ देखा और कहा सचमे तुझे ऐसा लगता है, मैने कहा हा मम्मी वाकई आप की उमर ज्यादा लगती नही. इतना कहकर वो मेरी बाजू मे चद्दर पर अपने घुटनो पर बैठ गयी और कुछ ढून्ढने लगी. मम्मी ने कापते हुए आवाज मे कहा क्या कर रहे हो, मैने कहा जैसा पन्डितजी ने बताया है वैसा ही कर रहा हू, मुझे आपकी पीठ पर शुभचिन्ह बनाना है.मम्मी थोडी झल्ला गयी कि ऐसी विधी मैने ना देखी थी और न ही कभी सुनी थी, पता नही पन्डितजी परिधि का दोष हटाने के लिये क्या क्या करवायेन्गे, मैने भी उनकी हा मे हा मिला दी, मन ही मन मै सोच रहा था कि यह साजिश तो हम दोनो ने















