माँ…माँ….ओह्ह्ह्ह माँ….अहह्ह्ह्हह..” मैं चिल्ला रही थी। अपनी दोनों गोरी गोरी टाँगे उठा उठाकर धीरेन्द्र से चूत में ऊँगली करवा रही थी।मैं जानती थी की मुझसे बड़ी छिनाल इस दुनिया में दूसरी नही मिलेगी। दोस्तों, ये बात मैं अच्छी तरह से जानती थी।अब वो मुझे चोदने जा रहा था। धीरेन्द्र ने मेरी गोरी गोरी जांघो को खोल दिया और मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगा।मेरे दिमाग में बड़ी जोर की यौन उत्तेजना होनी लगी। मेरे जिस्म की रग रग में, एक एक नश में खून फुल रफ्तार से दौड़ने लगा। मैं चुदने लगी। धीरेन्द्र का मजबूत लौड़ा खाने लगी। मैं संभोगरत हो गयी, चुदवाने लगी। धीरेन्द्र सचिन तेंदुलकर की तरह मेरी चूत में बैटिंग करने लगा। मेरा चेहरा तमतमा गया।धीरेन्द्र का मस्त बड़ा सा लौड़ा खटर खटर करके मेरी चूत में दौड़ने लगा। मैं जोशा गयी।“….ओह्ह्ह्ह फक मी हार्डर…ओह्ह्ह यससससस….कमोंन फक मी हार्ड!! XXX Hindi ओह्ह गॉड!!….फक मी हार्डर!!….कमाँन फक मी हार्डर!! माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. फक माई ऐस…” कहकर किसी छिनाल की तरह चिल्ला रही थी। अब मुझे मजा आने लगा था।धीरेन्द्र अपने मोटे लंड से मेरी गांड मजे से चोद रहा था। उसने ५० मिनट इसी तरह मुझे कुतिया बनाकर मेरी गांड चोदी और अपना माल मेरी गांड में ही निकाल दिया। फिर हम दोनों एक दूसरे को बाहों में भरकर लेट गये। आधे घंटे बाद ही मेरे आशिक















