आज मेरे जिस्म के एक एक अंग पर तुम दोनों का हक है” वो आँख नचाकर बोली.मैंने 4 मिनट उनकी कामुक लाल लाल चूत का सेवन किया। फिर मीनू आकर चाटने लगा। वो आंटी की चूत को फैला फैलाकर मुंह लगाकर मजा ले रहा था।“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..और चूसो!! XXX BF आप कितना मस्त केला चूसती है। और चूसिये” मैंने कहा.हमारी बात दया आंटी को अच्छी लगी। खूब चूसी जल्दी जल्दी। फिर आकर हमारे बीच में बैठ गयी।“बच्चो!! मैं भी पियूँगा वसुधरा आंटी की बुर” मीनू कहने लगा.“बच्चो आराम से पियो!! आंटी का बदन कितना सेक्सी है” मीनू कहने लगा.“आज मैं तुम दोनों भाइयों की गर्लफ्रेंड हूँ। आज मेरे साथ मौज मस्ती कर लो” वो कहने लगी फिर ब्रा खोलकर हटा दी।उनके बिपासा बसु जैसे दूध सामने आ गये। हम दोनों का होश खराब हो गया मचलती चूचियां देखकर। क्या गोरी गोरी चिकनी चूचियां थी। हम दोनों हाथ में लेकर मसलने लगे। दया आंटी अब “आआआहहह…..ईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी।“बच्चों मेरे बूब्स को सक करो अच्छे से” आंटी कहने लगी.फिर हम दोनों आँख बंदकर सक करने लगे। एक बूब्स मीनू पकड़ लिया और एक मैं। दोनों दबा दबाकर सक करने लगे। आंटी सोफे पर बेचैन होने लगी। हम दोनों भाई उनसे खूब प्यार कर रहे थे। मैं उनकी लाल पेंटी को सहलाने लगा जिससे उनको और जोश चढ़ जाए। 10 10 मिनट हम दोनों भाई उनके















