तुम्हारा चेहरा भी बिलकुल वर्षा की तरह है इसलिए मैं बहक गया” वो बोले.मैं बिस्तर से उठ बैठी और अपने टॉप को सही किया। फिर दूर खड़े जीजू के पास चली गयी। “कोई बात नही जीजू!! हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”बोलकर मैं परेशान हो गयी थी। जीजू को जरा भी रहम नही आया और मेरी गुलाबी चूत के होठो को खोलकर चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली डालकर फेटने लगे और मुझे दिन में तारे दिखा दिया।“ओह्ह मरी मैं….हाय अब मैं मरी!! XXX Hindi आप सोये नही??” मैंने कहा और उनके दरवाजे को अंदर से बंद किया.“नींद नही आ रही श्रेष्ठा” जीजू किसी मुरझाये हुए फूल की तरह मुंह लटकाकर बोले.“आज मैं आपको नींद दिला दूंगी” मैंने कहा और अपने टॉप के उपर से चुनरी हटा दी।जीजू मेरी तरफ अजीब नजर से देखने लगे। “आज दीदी की कमी मैं दूर कुरुंगी” मैं बोली और जीजू के पास जाकर बेड पर लेट गयी। फिर उनको मैंने कसके पकड़ लिया और अपने सीने में दबा लिया। उसके बाद तो सब कुछ अपने आप होने लगा। जीजू का इंजन तो पिछले 6 महीने से बंद बड़ा था, आज वो फिर से शुरू हो गया।उन्होंने मुझे नीचे लिटाया और अपना मेरे उपर आ गये और फिर मेरे होठ को चूसने लगे। धीरे धीरे करके मेरी टॉप को उतरवा दिया। मैंने लाल रंग की स्कर्ट से मैच करती लाल ब्रा पहनी थी।मेरे
पहली बार सेक्सी भाभी से बात करते ही चुदाई की मस्त हिंदी ऑडियो
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