ही भाई…कर दे गाभिन… अपनी बुर चोदि बहन को.मैं—मैं आया… ये ले… बुर्चोदि…और फिर मेरे लंड ने किरन दीदी की बुर को अपने पानी से भरना चालू कर दिया… एक के बाद एक ना जाने कितनी लंबी पिचकारिया छूटने लगी दीदी की बुर मे… पूरी लबालब भर गयी उनकी बुर… झड़ने के बाद मैं किरन दीदी के उपर ही लेट गया…अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- अब जल्दी से मुझे चोद डाल मेरे भाई… इसके पहले की कोई आ जाए….मैं—ठीक है दीदी.मैने अपने लंड को दीदी की बुर के मुहाने पर टिका दिया…मैं—तेल लगा लूँ क्या थोड़ा…किरन—नही रे… तेल लगाने से आसानी से घुसेगा… ज़्यादा दर्द नही होगा बुर फटने का… मुझे खूब दर्द चाहिए… तू ऐसे ही सूखा सूखा घुसेड दे… और पूरी बुर को अच्छे से फाड़ डाल की तेरी बहन की बुर चिथड़ा हो जाए…मैने एक ज़ोर का झटका दिया लेकिन लंड फिसल कर नीचे चला गया… दो तीन बार डालने पर भी नही घुसा बहुत टाइट चूत थी दीदी की…किरन—रुक ऐसे नही घुसेगा… वैसे भी तेरा गधे का लंड है… आदमी का थोड़े ही है जो इतना जल्दी घुस जाएगा… मैं बुर की फांके फैलाती हूँ… तू पूरी ताक़त से धक्का लगा के घुसेड दे…मैं—ठीक है…दीदी ने अपनी बुर की फांको को दोनो हाथो से खूब फैला दिया… मैने एक बार फिर से बुर के छेद पर लंड















