एकदम टाइट.. बबिता मेरे लंड पर खुद झटके मारने लगी। मैं इधर दीदी की चूत को चूसने लगा कि तभी दीदी ने बबिता के मुँह को पकड़ा और अपने होंठों को उसके होंठों पर लगा दिए.. BF XXX पता है तुमको?मैं- हाँ पता चला.. लेकिन उनमें से एक है.. तो बुरा ही क्या है.. जब तक मैं झड़ नहीं गया और झड़ कर हम तीनों बिस्तर पर एक साथ लेट गए।सविता- क्या बात है आज बबिता की जबरदस्त चुदाई हो गई।बबिता- आप को भी तो आज मजा आया होगा.. हल्की दूधिया रोशनी जल रही थी और उस लाइट में मुझे तो सिर्फ़ मेरी दोनों बीवियों के दूधिया गुंदाज बदन दिख रहे थे।मैं जैसे ही अन्दर गया.. सो मैं रुक गया बबिता के उस रबर वाले लंड को पकड़ कर दीदी की गाण्ड के छेद के पास ले गया। मैंने इशारा किया और तभी बबिता ने झटका मारा.. जो पीछे एक पतली सी डोर से बन्धी हुई थी। जिसकी वजह से नीचे से उसकी आधी चूचियों को ऊपर की तरफ़ उठी हुई थीं।वैसे भी सविता की चूचियाँ मेरी जिन्दगी की अब तक की सबसे बेस्ट चूचियाँ थीं। एकदम गोल बॉल की तरह.. तो वो इशारा कर रही थी कि ठीक से दिख नहीं रहा है। तो मैंने दीदी को गोद में उठाया और कमरे से बाहर आ गया और हॉल में बिस्तर पर लिटा दिया।















