बाहर पटाखे की आवाज आ रही थी। और मेरे तन बदन में आग लग गयी थी।किसी मर्द के बाहों में पहली बार थी और वो भी जवानी की शुरआत में मेरी चूचियां भी बड़ी नहीं हुई थी अभी जवानी की दहलीज पर कदम ही रखी थी। उन्होंने मेरे होठ को पहले अपने उँगलियों से छुआ फिर उन्होंने मेरे बालों को सहलाया उन्होंने मेरे गाल पर किस किया और फिर मेरे होठ को चूसने लगे।मैं भी शर्माती हुई हौले हौले ही सही पर साथ दे रही थी। मेरे पुरे शरीर में करंट दौड़ रहा था। मैं सिसकारियां और अंगड़ाईयाँ लेने लगी। उन्होंने मेरे ऊपर के कपडे उतार दिये और फिर मेरा टेप उतार दिया मेरी चूचियों को मसलने लगे और फिर मुझे लिटा दिए और निप्पल को मुँह में लेकर पीने लगे।अब मैं बरदाश्त के बाहर हो गयी मेरी चूत में आग लग गयी थी गरम हो गया था चूत की पानी। मैं फूफाजी को बोली जो करना है कर लो। पर मुझे आगे बढ़ाओ। उन्होंने कहा अब तुम कुछ भी नहीं सोचो, तुम्हारा काम हो गया और इतना कहते ही उन्होंने मेरे पेण्ट और पेंटी उतार फेंकी मैं पूरी तरह से नंगी हो गयी थी।उन्होंने मेरे दोनों पैरों के बिच में बैठ कर अपना ऊँगली मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया बड़ी मुश्किल से उनकी ऊँगली मेरी चूत में जा रही
नीची बहू की गर्म कहानी – भाभी के साथ मजेदार चुदाई का पार्ट 16
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