बारह्वी तक की पढाई मैंने मेरठ से की, उसके आगे नहीं पढ़ पाई हु. XXXBF मैंने नाड़ा खोल दी पेंटी नहीं पहनी थी उसने मेरे बूर को चाटने लगा, मैंने भी उसके बाल पकड़ के चटवाने लगी, फिर मैंने ब्लाउज खोल दी और ब्रा भी, मैं हमेशा सेक्सी ब्रा पहनती हु, वो मेरे चूच के बारी बारी से पिने लगा, मैंने भी उसके लंड को पकड़ को चाटने लगी.मुह में जब लेती थी तो लंड लम्बा होने की वजह से कंठ तक जाता था मेरी तो सांसे भी रूक रही थी, मैं काफी खुश थी लम्बा और मोटा लंड, मैं आइसक्रीम की तरह चाभ रही थी, पर अब बर्दास्त के बहार था मेरी बूर काफी गीली हो चुकी थी, फिर क्या मैं लेट गयी और उसे अपने ऊपर खीच ली, वो भी लंड को मेरे बूर पे रख के ठोकने लगा, वाह मज़ा आ गया था, पहली बार मुझे लगा की कोई मेरे जोड़ी का मिला है, मैंने उस दिन जो भी रात को ब्लू फिल्म देख कर सीखी थी मैंने सारे पोज़ से चुदवाई.करीब १५ दिन तो वो लड़का मुझे चोदा, ज़िंदगी जीने की वजह बता दी थी उसने, पर क्या करें वो अब दिल्ली में नहीं है, वो अब पूना चला गया है उसकी जॉब लग गयी है, मेरा पति उस काबिल नहीं है की मुझे चोद सके मैं फिर से
दिन भर चुदाई का मजा, 40 ऑर्गेज्म तक नहीं रुकेंगे, तीसरा पार्ट
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