दर्जी की दुकान में गर्म मौके पर भाभी को चोदता हुआ

अभी सिर्फ़ मेरी शुरुआत को पढ़िये! सही में प्लीज़ भाभी! XXX Hindi अभी ऐसे ही प्यार से काम चलाओ! उसके साथ एक बार मैं उसके घर गया।वहाँ उसने मुझे वो किताब पढ़ने को दी। मैंने उसको घर में छिप कर पढ़ी, मुझे अच्छी लगी, मेरा लंड खड़ा हुआ, दर्द हुआ और बहुत कुछ। कुछ दिनों में मैंने किताबें पढ़नी चालू कर दी और खरीदी भी। तब मुझे लंड, बुर, चूची, मम्मे, गाण्ड जैसे चीज़ें पता चली और मेरा औरतों और लड़कियों को देखने का नज़रिया बदला, क्योंकि इसके पहले सब बहनें ही बनाता था। बस यहीं से कहानी शुरू होती है।हमारे घर में डीवीडी था और हमारे मकान मालिक के बड़े बेटे से खूब दोस्ती थी और वो हमारे घर में पिक्चर देखते थे। एक दिन मैं एक पिक्चर लाया। अंग्रेज़ी फ़िल्म थी ‘स्पैस्म’! नोचो ना! सही में प्लीज़ भाभी! मुझे देखने दो!भाभी गई नहीं और देखने लगी। 15 मिनट में फिर एक चुम्बन दृश्य आया, भाभी कुछ नहीं बोली और आधे घंटे में एक नग्न चुम्बन दृश्य आया। फिर भी भाभी ने पूरी फ़िल्म देखी। अन्त में भाभी डर भी गई जब साँप को मारते हैं।फ़िल्म देख के भाभी बोली- हाय नितेश बाबु! मैं आपको नंगी देखना चाहता हूं, क्या मैं आपको नंगी कर सकता हूं ?

दर्जी की दुकान में गर्म मौके पर भाभी को चोदता हुआ

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