ओ हो हो….” की आवाज निकाल रही थी। मेरी सांसे टूट रही थी। मैं गहरी साँस लेने की कोशिस कर रही थी। पापा का मोटा लंड मेरी चूत फाड़ रहा था। मेरी कुवारी चूत से निकला खून बिस्तर की चादर पर लग गया था।पापा फिर मेरे होठ पीने और चूसने लगा और घप घप मुझे चोदने लगे। फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर का स्टैंड बना दिया। खुद थोडा पीछा हो गये और जल्दी जल्दी कमर चला कर मेरी चूत बजाने लगे। मुझे खुद को दोनों हाथों से रोकना पड़ा वरना मैं गिर जाती। मैंने दोनों हाथ पीछे कर दिए और अपने भार को हाथों से रोका।पापा ने भी ऐसा ही किया। वो दूर से मेरी चूत में लम्बे और गहरे शॉट्स मारने लगे। मुझे चुदाई का ब्रह्मसुख मिल रहा था। आज हम बाप बेटी २ जिस्म एक जान हो गये थे। कुछ देर बाद पापा ने फिर से मुझे गोद में भर लिया और हवा में उचका उचकाकर मेरी चुद्दी मारने लगे। मेरी चूत अब रवां हो गयी थी। मैंने अपने हाथ उनके कन्धो पर टिका दिए।पापा ने मुझे 35 मिनट लंड पर बिठाकर सारी दुनिया घुमा दी। फिर मेरी चूत में माल छोड़ दिया। कुछ देर के लिए हम दोनों चिपके रहे। पापा का लंड 10 मिनट तक मेरी चूत में रहा माल निकलने के बाद भी। तब जाकर वो शांत
गेस्ट हाउस में दोस्त की बीवी को चोद दिया
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