मेरी ‘आहें..’ निकलने लगी थीं.. XXX BF कुछ करो ना.. अपना ख़याल रखना। मैं वहाँ से निकल पड़ी.. इसमें में बहुत ही मस्त लग रही थी।मैंने पूजा को बताया- मैं संजय के साथ उसके घर जा रही हूँ.. अब तो तुम सुबह ही आ पाओगी..’ ‘हाँ..’ ‘ओके.. जैसे सुहागरात की सेज सजी हो। मैंने पूछा- संजय.. लेकिन फिर मजा खूब आएगा। अब तुम तैयार हो जाओ। फिर उसने अपने लंड में तेल लगाया और मेरी चूत में धीरे से अपने लंड को रखते हुए एक जोर से झटका दिया। उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया।मैं जोर से चिल्ला उठी। मैंने संजय को धकेलने का प्रयास किया.. ऐसा कुछ नहीं होगा।तो पूजा बोली- मेरी जान उसका परिवार तो अभी यहाँ आने वाला है.. मैं अभी 1 घंटे में आती हूँ। ऐसा कह कर वो चली गई.. उसने धीरे से मेरी सलवार के नाड़े को खोल दिया। मुझे तब पता चला जब मेरी सलवार नीचे सरक गई। फिर उसने मुझे सँभलने नहीं दिया।उसने मेरे कान के नीचे से चूमते हुए मुझे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे चूचों को चूसने लगा और दबाने लगा। मैं अपने होश खोने लगी थी.. सबने खाना खाया और उसके परिवार वाले पूजा के घर को जाने लगे। तो संजय बोला- मम्मी मैं नाजिया को लेकर आ जाऊँगा..















