गाँव की बेटी के साथ गर्म रातें

लंड का सुपाड़ा अंदर जाते ही प्रतिमा चिहुंक पडती है. BF XXX उफफ्फ्फ्फ़… करने लग जाता. वो अपनी टाँगे ढीली छोड़ देती है. रिशु एक बार फिर से निगाह उठाकर प्रतिमा की और देखता है.प्रतिमा फिर से सर हिलाकर उसे इशारा करती है. प्रतिमा की देह और भी तेज़ झटके खाने लगती है. प्रतिमा के हाथ अपने मुम्मो पर ढीले पड चुके थे और उसकी जांघें अपने बेटे की गर्दन पर ढीली हो चुकी थी. उसने खुद को इतना उत्तेजित कभी नहीं पाया था. मगर रिशु इस समय उसकी सुन नहीं रहा था. प्रतिमा लंड के लाल सुपाड़े पर होंठ रख देती है.प्रतिमा घुटनों के बल बैठी अपने बेटे की जांघो पर हाथ रखकर अपना मुंह बेटे के लंड के सामने लाती है.“माँ मेरा लौड़ा चुसो ना” इस बार रिशु बिना किसी उकसावे के खुद बोल उठता है. दोनो की साँसे बुरी तरह से उखड़ी हुई थी. रिशु कुछ झिझकता है तो प्रतिमा अपना मुंह थोडा निचे करती है और उसकी छाती पर छोटे से निप्पल को अपनी जिव्हा से सहलाने लगती है और दुसरे को अपने नाख़ून से कुरेदती है.“हाँ मम्मी… हाँ”.“तो बोल ना… जब तक तू बोलेगा नहीं..

गाँव की बेटी के साथ गर्म रातें

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