उनके धक्कों से मेरे दोनों मम्मे हिल रहें थे. धीरे धीरे मैं ससुर के बिस्तर पर ही चली गयी.बहू! XXX BF मैं ससुर को देखा तो शर्मा गयी. मेरे ससुर दशरथ जी वास्तव में मेरे लिए भगवान का दूसरा अवतार था. अब मुझे वो अच्छे से खुलकर प्यार करने लगे. तभी उन्होंने मेरे दूध को कसके निचोड़ दिया. मेरी मस्त कसी कसी चूत में मार मार कर ढीला कर देना चाहते है. क्यूंकि मेरे ब्लोस को तो ससुर ने पहले ही निकाल दिया था.उन्होंने मेरी पेटीकोट को उपर जरा सा किया तो मेरी गोरी गोरी टांगें काले पेटीकोट में से कोहिनूर हीरे की तरह चमक उठी. मेरे मम्मे में दूध ही दूध भरा पड़ा था.मेरा मुन्ना [मेरा लड़का] मजे से मेरा दूध पी रहा था. सुबह तक ससुर जी मुझको ८ बार ले चुके थे. उन्होंने पूछा.हाँ पापा जी खा लिया’ मैंने कहा.आपने खाया?? फिर उन्होंने मेरी पैंटी निकाल दी. मैं ससुर जी के कमरे में आ गयी. मुझे चरम सुख की प्रप्ति हो रही थी. ससुर जी मस्त हो गए. तुम अभी भी मना कर सकती हो ! उनके धक्कों से मेरे दोनों मम्मे हिल रहें थे. थोडा थोडा आश्चर्य हो रहा था, थोडा थोडा अच्छा लग रहा था.
गाँव की गर्म बहू के साथ बाहर खुले में जंगी सेक्स, साफ हिंदी आवाज़ में
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