हूँ… हूँ. कस्र्के चीखने लगती। मै लगातार उकनी चूत को पिये जा रहा था।मुझे तो बहुत मजा आ रहा था क्योकि बहुत दिनों बाद नई चूत को पीने का मौका मिला था। मेरे साथ साथ उनको भी बहुत मजा आ रहा था। बहुत देर तक उनकी छूट को पीकर मैंने अपने मन की प्यास को बुझाई। उनके बुर को पीने के बाद मैंने अपने लौकी की तरह मोटे लंड को निकाला, मेरे लंड को डिंपल की मम्मी ने अपने हाथो में लिया और मुझसे कहा – तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है और बड़ा है। डिंपल के पापा का इतना बड़ा और मोटा नही था।मैंने अपने लंड को डिंपल की मम्मी की चूत के चारो ओर घुमाने लगा जिससे वो चुदाई की आग में जलने लगी। मैंने अपने लंड को धीरे से उनकी चूत में डाल दिया, डालने ऐसा लग रहा था जैसे कोई फ्रेश चूत है। मै उनकी चूत को बाज़ने लगा, जैसे जैसे मेर लंड उनकी चूत के अंदर जाने लगा वो तड़पने लगी।धीरे धीरे मेरी रफ़्तार बदने लगी, मै अपनी पूरी ताकत लगा के उनके चूत मारने लगा और वो तो केवल … “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सीसी.सी..हा..हा..ओहोहो…. XXX Hindi अई…अई….अई अहह अह्ह्ह दर्द हो रहा है …. हूँ… हूँ. हूँ… हूँ. तो उन्होंने कहा – “दूसरी शादी करती तो शायद वो आदमी ठीक ना होता और




