बात अभी कुछ दिन की है, मैं सुबह छत पर कबूतरों को दाना डालने गया तो मेरी नज़र भाभी पर गई, वो सलवार का नाड़ा खोल रही थी और फिर पेशाब करने बैठ गई।मैं छुप कर काफ़ी देर तक देखता रहा, मैंने दाना डाला और नीचे आ गया। एक दो बार फिर ऐसा हुआ पर मैंने खास ध्यान नहीं दिया। फिर होली का दिन था, मैं उनके घर होली खेलने चला गया, सभी बच्चे होली खेल रहे थे। मैंने सभी को गुलाल लगाया… भाभी को भी!थोड़ी देर बाद भाभी ने बाल्टी पानी से भर के मेरे ऊपर डाल दी, मुझे भी अब बदला लेना था तो मैंने भी बाल्टी में पक्का रंग मिलाया और भाभी पर डाल दिया। भीगने से भाभी के कपड़े बदन से चिपक गये, जिससे उनके मोटे मोटे कूल्हे और चुची गजब ढा रहे थे, देख कर मेरा लंड फुंफकार मारने लगा।मैंने भाभी को पकड़ लिया और उनके गीले बदन पर गुलाल मलने लगा.. BF XXX मुझे बहुत मजा आ रहा था। इतने में भाभी ने मेरी कैपरी निकाल दी… और टी-शर्ट निकालने को कहा। मैंने भी एक समझदार बच्चे की तरह बात मानी और सारे कपड़े निकाल दिए। “Khet Me Pela Peli”अब मैंने भाभी जी से बोला- आप भी सूट निकालो!तो वो बोली- तुम खुद ही निकाल लो!तो मैंने शर्ट तो गले वाले हिस्से से पकड़ कर खींच दिया जिससे















