पीठ के बल… दीदी ने अपनी एक टाँग अपनी साड़ी उपर कर मेरे जांघों पर रखा हुआ था.. BF XXX और हथेली और उंलगियों से मेरे सीने पर हाथ घूमा घूमा कर सहलाए जा रही थी… उनका सर मेरे उपर था इस तरह की हम दोनों का चेहरा आमने सामने था…“कैसा लग रहा है.. उफफफफ्फ़ उनकी हथेली और उंलगलियों में मानों जादू था…मैं आँखें बंद किए अपने सीने पर उनकी हथेली और उंगलियों के खेल से मस्ती के एक ऐसे लहर में था.. उस दिन क्यूँ.. उनके गुलाबी गाल आँसुओं से सराबोर थे… तकिया गीला था… आख़िर क्या बात हो गयी.. भाई बहन की सीमाओं को लाँघ कर एक औरत और मर्द का रिश्ता… ऐसा रिश्ता जहाँ कोई बंधन नहीं… नारी और पुरुष का रिश्ता…मैने सॉफ सॉफ देखा दीदी कांप रही थी, उनके हाथ जैसे तड़प रहे थे मुझे थामने को… मैं बस चूपचप उन्हें बिना पलक झपकाए देखे जा रहा था… जैसे मैं उन्हें अपनी आँखों में समा लेना चाहता हूँ… और तभी एक झन्नाटेदार थप्पड़ पड़ा मेरे गाल पर… जिसकी अपेक्षा मुझे पहले थी.. वो मेरे सामने एक औरत थीं अब..
गर्म देशी हाउसवाइफ की चुदाई और भरपूर वीर्य का मजा – हिंदी सेक्स
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